Diwali Essay in Hindi Speech । दिवाली पर निबंध हिन्दी में:- हिन्दू धार्मिक मान्यता के कारण दिपावली नामक तयौहार को बडे हर्ष उललास से मनाया जाता हैं व उनके इस तयौहार को क्यों और किसलिए मनाया जाता हैं, और इस तयौहार से किस प्रकार कि मानयता व पौराणिक कहानियों व कथाए हैं?
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प्रसतावना( introduction)
यह पंच दिवसीय त्यौहार इस प्रकार होता हैं सबसे पहले धन तेरस का दिन होता है इस दिन माता लक्ष्मी की अराधना कि जाती हैं व इस त्यौहार के दिन तेरह दिए जलाए यह माता लक्ष्मी के प्रतीक होते है इस सोने चांदी की खरीदी व बिक्री बहुत होती हैं हिन्दू धार्मिक मान्यता के दिपावली का तयोहार दियो व दीपो का त्योहार यह त्यौहार पांच दीनो तक चलता रहता हैं,
इस त्यौहार को असत्य पर सत्य कि जीत व विजय का त्यौहार माना जाता हैं। और इसे बुराई पर अचछाई की जीत भी कहा जाता हैं। श्रीराम के वनवास से वापस आने की खुशी मे यह तयौहार मनाया जाता हैं। राक्षस राज रावण का संहार करने के पश्चात वह 14 वर्ष वनवास गुजार कर अयोध्या वापस लौटे थे
यह संस्कृत के दो शब्द दीप + आवली से मिलकर बना हैं मतलब की दीपो की आवली मतलब दीपक की पंक्ति इस दिन दियो को पंक्ति के समान सजावट कर रौशनी कि जाती हैं इस तयौहार की तैयारियां भारत मे लोग महीनों पहले से करना शुरु कर दी जाती है, इस दिपावली घर की सजावट इस प्रकार से करेगें कि इस बार यह करेंगे वो करेंगे कि बहुत ही धूमधाम व हषोर्ल्लास से मनायेंगे
—–Diwali Essay in Hindi Speech—–
[250 Word] Diwali Essay in Hindi Speech
दीपावली का त्यौहार खुशियों और सुख-समृद्धि का त्यौहार है। यह पांच दिवसीय, हिंदुओं द्वारा मनाया जाने वाला, सबसे बड़ा व महत्वपूर्ण त्यौहार है। दिवाली के त्यौहार को सिर्फ हमारे देश में ही नहीं, विदेशों में भी मनाया जाता है, इससे इसकी प्रमुखपन का पता लगाया जा सकता है। इस दिन अमावस्या की काली रात होने के बावजूद भी पूरा भारत रोशनी से जगमगाया हुआ होता है।
हालांकि दिवाली के त्यौहार का एक द्वितीय, पहलू भी है, जिसे हम अपने आनंद के लिए वर्ष-प्रतिवर्ष बढ़ावा देते आ रहे है। इस दिन हम अपने आनंद और खुशी के लिए जो आतिशबाजी करते हैं, वह केवल हमारे लिये ही नुकसान दायक हैं , जैसे कि किसी को इस आतिशबाजी से नुकसान पहुंच गया तो, और एक दूसरी बात इससे हमारे व हमारे परिवार को भी हानि होगी ।
आतिशबाजी के कारण दिन-प्रतिदिन पर्यावरण प्रदूषण में वृद्धि होती जा रही है। इससें वायु प्रदूषण की बडी ही बुरी स्थिति हो गई हैं जिसका नतीजतन हमे आज अन्य वायरसों का सामना करना पड़ रहा हैं यदि हम खुद ही बात को समझ कर हम अपने मन को काबु कर पाये तो हम खुद ही क्या सभी के लिये यह पर्यावरण अच्छा और शुध्द रहेगा। व हम यह कर पायेंगे।
Diwali Essay in Hindi Speech
दिपावली कब मनाया जाता हैं?
दीपावली का त्यौहार दशहरे के 21 दिन बाद सितंबर से अक्टूबर माह के बीच में कार्तिक मास की अमावस्या को आता है। वैसे इस त्यौहार की धूम-धाम से कार्तिक कृष्ण त्रयोदशी से कार्तिक शुक्ल द्वितीय अर्थात् पाँच दिनों तक चलता हैं इस समय तक गुलाबी ठंड शुरू हो जाती हैं मतलब हल्का हल्का ठंड का आगमन होता हैं
दिपावली और इससे जुड़े इतिहास ?
दीपावली का त्यौहार भारत में प्राचीन समय से ही मनाया जाता आ रहा है। जब भगवान राम 14 वर्ष का वनवास काटकर अयोध्या लौटे थे, तब अयोध्या वासियों ने उनके स्वागत के लिए घी के दीपक प्रज्वलित किए और साथ ही अयोध्या के हर रास्ते को फूलों से सजा दिया था।जिस दिन भगवान राम अयोध्या लौट कर आए थे उस दिन अमावस्या की काली रात ही थी जिसके कारण उस घुप्प अधेरे मे कुछ भी दिखाई नही पड़ रहा था।
जैन धर्म के लोग दीपावली के त्यौहार को इसलिए मनाते हैं क्योंकि चौबीसवें तीर्थंकर, महावीर स्वामी को इस दिन मोक्ष प्राप्त हुआ था
सिख धर्म के लोग भी इस त्यौहार को बड़े ही धूमधाम से मनाते हैं। वे लोग इस त्यौहार को इसलिए मनाते है, क्योंकि इस दिन ही अमृतसर में 1577 में स्वर्ण मन्दिर का शिलान्यास किया गया था। इसके साथ ही सिक्खों के छठवे गुरु हरगोबिन्द सिंह जी को भी इस दिन ग्वालियर की जेल से रिहा किया गया था। जो कि एक उत्तसव से कम नहीं था।इसलिये भारत को विविध धर्म वाला देश कहा जाता हैं
इसकी विविधता मे ही एकता और अखंडता हैं इस प्रकार तब से आज तक भारतीयों मे हमेंशा ही सच्चाई की जीत व झूठ, का सदैव ही नाश माना हैं। यह त्यौहार एक प्रकार से साफ सफाई वाला त्यौहार भी माना जाता हैं इस त्यौहार मे सभी अपने अपने व्यापार व गृह को साफ सफाई व रंग करवाते हैं,
इस त्योहार मे यह मानयता होती हैं जिस किसी का घर संसार कनक सा सुंदर व चमक से भरपुर होता हैं। उस घर संसार मे माता लक्ष्मी की कृपा उस घर संसार मे सदैव बनी रहती हैं। इस पर्व मे माता लक्ष्मी के साथ साथ परमपिता स्वयं नारायण की भी कृपा व आशीर्वाद पुरे घर संसार और घर परिवार को मिलती हैं।
इस त्यौहार मे बाजारों और औद्योगिक व्यापार के व्यक्ति नाना प्रकार के लाइटिंग का उपयोग कर आपनी आमदनी बढाने के विषय में सोचते हैं व अपनी प्रगति का अलग अलग अनुमान लगाने लगते हैं। त्योहार के समय बाजारों और व्यापार मे बडी ही प्रगति व उन्नति होती हैं। दिपावली के दिन भारत श्रीलंका म्यानमार नेपाल आदि देशो मे अवकाश मनाया जाता हैं इन सभी देशो के बाहरी सीमा पर भी इस त्यौहार और उत्तसव का रंग दिखता हैं।
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यहाँ तक की हमारी सीमा के जवानों को भी यह त्योहार धूमधाम से मनाते हैं। यह त्यौहार बच्चों को बड़ा ही प्रिय तयौहार हैं आइए जानें किस प्रकार इस दिन नये नये कपड़े व खिलौने व पटाखों को जलाने का जो बच्चों को मौका मिलता हैं उसका वे भरपुर आनंद लेते हैं , परन्तु हमे उन्हें हमारे पर्यावरण के प्रति भी उनको सजग और सावधान करना हमारा ही कर्तव्य हैं
जिससें वे आगे चलकर भविष्य मे एक अच्छे और जिम्मेदार नागरिक बने और, लोगों को प्रेरित करे जिससे किसी भी प्रकार का हादसा होने से बचाव हो सके और, बच्चों मे नयी जानकारियां जानने को जिज्ञासु हो. इससे ही उनकी सीखने की ललक बढेंगी जिससे उन्हें नई नई रोचक तथ्य और अपने पौराणिक कथाओं के बारे में ज्ञान प्राप्त होगा जिससे वह अपने आने वाली पीढियों प्रस्तुत करेंगे ।
यह त्यौहार प्रेम और भाई चारे का हैं। विदेशो मे भी मनाया जाता हैं दिपावली का पावन त्यौहार यहां से जो लोग विदेशो में जाकर बसे हैं वे भी भारतीय कम्युनिटी के साथ मिल जुलकर बड़े उल्लासपूर्ण तरीके से मनाया जाता हैं। इस त्यौहार के लिये लोगों के मन में बहुत उंमग भरा होता हैं
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देश विदेश मे
दीपावली को विदेशों में भी खूब धूमधाम से मनाया जाता है इस त्यौहार के समय सभी कालोनियों में मिलजुलकर कम्युनिटी हॉल में इसका सेलिब्रेशन करते हैं। इस पंचदिवसीय त्यौहार के अगले दिवस सभी एक-दूसरे के घर प्रसाद वितरण कर एक दूसरे को शुभकामनाएं देते हुए उनकी तरक्की की कामना करते हैं।।
नरक चतुर्दशी
इस त्यौहार को यमराज देव का त्यौहार भी कहा जाता हैं इस दिन 14 दियों को जलाकर उसकी आरती व पुजा कर यमराज को अर्पण किया जाता है
गोवर्धन पूजा
गोवर्धन पूजा, इस त्यौहार व पर्व के दिन नाना प्रकार के व्यंजन बनाया जाता हैं व भगवान नारायण को भोग अर्पण किया जाता इस त्यौहार से जुड़ी कहानी यह है कि भगवान श्री कृष्ण ने गोकुल वासियो को भीषण बाढ और बारिश से बचाया था मतलब देवराज इंद्र के प्रकोप से बचाव किया था
भाई दूज
भाई दूज चैत्र के कृष्ण पक्ष की द्वितीय तिथि को मनाया जाता है इस पर्व व उत्सव के दिन भाई अपनी बहन के घर जाकर आरती करवाता है और अपनी बहन को जीवनभर उसकी रक्षा करने का संकल्प लेता है
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दिवाली का महत्व
दिवाली का महत्व हार का अपना अपना महत्व होता है ठीक उसी प्रकार ईद मुसलमानों में भाईचारे का त्योहार माना जाता है तथा सिख धर्म में गुरु पर्व अपना महत्व रखता है, ईद में भी तरह तरह के पकवान तथा मिठाइयां बनाई जाती है और अपने अपने घरों को सभी लोग लाइटों द्वारा सजाते हैं ठीक इसी प्रकार दिवाली में भी हिंदू समाज के लोग अपने घरों को लाइटों के द्वारा सजाते हैं तथा तरह-तरह के पकवान बनाते हैं
उसी प्रकार दीपावली हिंदू धर्म में सबसे बड़ा त्यौहार माना जाता है इस दिन सभी व्यक्ति अपने इष्ट मित्रों से मिलजुल कर एक साथ त्योहार मनाते हैं और उन्हें दिवाली की शुभकामनाएं देते हैं यह एक और परंपराओं को बनाए रखने वाला त्योहार है
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