Alsi ke Fayde in Hindi: अलसी की खेती पूरे भारत में प्राचीन काल से ही होती आ रही है। इसके तेल का प्रयोग पूरे देश में होता है। इसके अतिरिक्त आयुर्वेद के प्राचीन ग्रन्थों – चरक संहिता, सुश्रुत संहिता एवं अन्य निघंटु आदि में प्रसूतिगृह की व्यवस्था एवं अन्य रोगों में अलसी के औषधीय प्रयोग का विस्तृत विवरण मिलता है। इतना ही नहीं, प्राचीन काल में अलसी के पौधों को सड़ा कर उससे धागे बनाकर उत्तम श्रेणी के वस्त्रों का निर्माण भी किया जाता था।
1. सिरदर्द में फौरन राहत देती है अलसी
अगर आपके सिर में दर्द हो रहा है, सूजन भी है, या सिर में चोट लगने के कारण सिर में दर्द हो रहा है तो अलसी के बीजों को शीतल जल में पीस कर माथे पर लेप करने से सूजन कम होती है, सिर के घाव शीघ्र भरते हैं और सिरदर्द में आराम मिलता है।
2. आँखों की लालिमा और जलन दूर करती है अलसी
अगर आपकी आँखें लाल हो रही हैं, आँखों में जलन होती है या आँखों में सूजन है तो अलसी के बीजों को पानी में भिगो दें। थोड़ी देर में अलसी का लुआब पानी में आ जाएगा। उस पानी को 2-2 बूंद, 3-3 घंटे में आँखों में डालें। आपकी आँखों की लालिमा और जलन में शीघ्र ही आराम मिलेगा।
3. वक्ष से संबन्धित रोगों की कारगर दवा है अलसी
- 5 ग्राम अलसी के बीजों को 50 मिली पानी में 12 घंटे के लिए भिगो दें। अलसी युक्त जल को सुबह शाम पीने से दमा के रोगी को बहुत राहत मिलती है। यदि दमा का रोगी पथ्यापथ्य का पूर्ण ध्यान रखकर अलसी के पानी का सेवन करता है तो उसे दमा के रोग से शीघ्र राहत मिल जाती है।
- 5 ग्राम अलसी के बीजों को कूट छान कर जल में उबाल लें। इसमें 5 ग्राम मिश्री मिलाकर सुबह शाम सेवन करने से खांसी और श्वास संबंधी रोगों में आराम मिलता है। सर्दियों में मिश्री के स्थान पर शहद का प्रयोग करना चाहिए।
- 3 ग्राम अलसी के बीजों को मोटा कूट कर 250 मिली उबलते पानी में भिगो दें और एक घंटे के लिए ढक कर रख दें। इसके बाद, छानकर मिश्री या शहद मिलकर पीने से सूखी खांसी और श्वास रोग में राहत मिलती है, घबराहट दूर होती है तथा पेशाब साफ होता है।
- 25 ग्राम अलसी के बीजों को पीस कर रात भर ठंडे जल में भिगो कर रख दें। सुबह छान कर इस जल को गुनगुना कर लें। गुनगुने जल में नींबू का रस मिलाकर पीने से टीबी के रोगी को खांसी में बहुत आराम मिलता है।
- 50 ग्राम भुनी अलसी में बराबर मात्रा में मिश्री और चौथाई भाग काली मिर्च मिलाकर रख लें। सुबह 2-3 ग्राम चूर्ण शहद के साथ सेवन करने से वातकफ़ज रोगों में बहुत आराम मिलता है।
—Alsi ke Fayde in Hindi—-
4. कब्ज और बवासीर में भी आराम देती है असली
अगर आप कब्ज से परेशान रहते हैं तो 5-7 मिली अलसी (Alsi ke Fayde in Hindi) का तेल रात को सोते समय पी लें। सुबह शौच के समय मल आसानी से निकलेगा और बवासीर में भी आराम मिलेगा। 10-15 दिन तक अलसी के तेल का नियमित सेवन करने से कब्ज संबंधी बहुत सी समस्याओं से छुटकारा मिल जाता है।
5. फैटी लीवर में भी राहत देती है अलसी
अगर आपको फैटी लीवर की समस्या है, भूख नहीं लगती, दिन भर डकारें आती हैं, गैस बनती है तो अलसी के भुने हुये 2-5 ग्राम बीजों का चूर्ण बना कर शहद के साथ सुबह सेवन करें। कुछ ही दिनों में फैटी लीवर की समस्या से राहत मिल जाएगी।
6. मूत्र संबंधी रोगों में कारगर है अलसी
50 ग्राम अलसी और 3 ग्राम मुलेठी लेकर उसको दरदरा कूट लें। 250 मिली जल के साथ मिट्टी के बर्तन में धीमी आंच में पकायेँ। जब 50 मिली जल शेष रह जाए तो ठंडा करके छान लें और उसमें 2 ग्राम कलमी शोरा मिलकर रख लें। इस मिश्रण को 2-2 घंटे के अंतर से 20-20 मिली सेवन करने से मूत्रकृच्छ (कठिनाई से पेशाब आना) बहुत आराम मिलता है।
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7. प्रजनन संस्थान संबंधी रोगों में भी कारगर है अलसी
- अलसी के तेल की 4-6 बूंद मूत्रेन्द्रिय के छिद्र में डालने से सुजाक में बहुत लाभ होता है।
- काली मिर्च और शहद के साथ अलसी का सेवन करने से कामोद्दीपन तो होता ही है साथ साथ वीर्य भी गाढ़ा होता है।
8. हड्डियों से संबन्धित रोगों में भी आराम देती है अलसी
- अलसी(alsi ke fayde in hindi) के बीजों को ईसबगोल के साथ पीसकर लगाने से हड्डियों के जोड़ों के दर्द में बहुत लाभ होता है।
- अलसी के तेल को गरम करके उसमें सोंठ का पाउडर मिलाकर मालिश करने से कमर का दर्द दूर हो जाता है।
- अलसी के तेल की पुल्टिस गठिया की सूजन पर लगाने से सूजन कम होती है और दर्द में आराम मिलता है।
- अलसी को दूत के साथ पीस कर लेप करने से वात प्रधान दर्द में बहुत आराम मिलता है।
- अलसी का तेल या असली एवं ईसबगोल के बीज का पेस्ट बनाकर लेप करने से जोड़ों का दर्द और सूजन दोनों में आराम मिलता है।
9. त्वचा संबंधी रोगों में भी फायदेमंद है अलसी
- अलसी को जल में पीस कर उसमें थोड़ा जौ का सत्तू और खट्टा दही मिलाकर फोड़े पर लेप करने से फोड़ा पाक जाता है।
- वात प्रधान फोड़े में अगर जलन और दर्द भी हो तो तिल और अलसी को भून कर गाय के दूध में उबालकर, ठंडा होने पर उसी दूध में पीस कर फोड़े पर लेप करने से आराम मिलता है।
- शुद्ध अलसी का तेल और चूने का निथरा हुआ पानी बराबर मात्रा में लेकर अच्छी तरह से घोंट लें। यह मिश्रण सफ़ेद रंग के मलहम जैसा हो जाएगा। इस मलहम को जले हुये स्थान पर लगाने से जलन तो मिटती ही है, साथ ही जख्म भी शीघ्र भर जाता है।
- तिल का बीज, अलसी का बीज, खट्टा दही, सुराबीज, कूठ और सेंधा नमक का मिश्रण लेकर उससे फोड़े पर लेप करने से फोड़ा शीघ्र पक कर फूट जाता है।
10. अनिद्रा में भी कारगर है अलसी (Alsi ke Fayde in Hindi)
अलसी तथा एरंड के तैल के बराबर मात्रा में मिलकर कांसे की थाली में कांसे के चम्मच से अच्छी तरह घोंट कर आँख में सुरमा लगाने से नींद अच्छी आती है।
Alsi ke Fayde in Hindi: आशा करता हूँ यह पोस्ट आपको अच्छी लगी होगी यहाँ पर हमने अलसी के 10 महत्वपूर्ण फायदो को बताया है इसके संदर्भ में मैं कुछ पूछना है तो आप हमें कमेंट के माध्यम से संपर्क कर सकते हैं. आपकी पूरी सहायता की जायेगी धन्यवाद
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Author(लेखक)
आलोक वाजपेयी, एमए (अँग्रेजी एवं मनोविज्ञान), लेखक गत 20 वर्षों से विभिन्न सामाजिक, ऐतिहासिक, स्वास्थ्य संबंधी विषयों पर लेख लिखते आ रहे हैं।
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